अफसर से पिटी महिला को पंचायत ने गांव से निकाला
पारधी समाज के पंच मन्ना मगध पवार कहते हैं कि हमने उसे जात से अलग कर दिया है बल्कि उसे समाज से भी अलग कर दिया है।
अमरावती के मंगरुल चवाला गांव में पारधी समाज को हमेशा दूर रखा जाता है। पीने के पानी तक के लिए इन्हें अलग कर दिया गया है। इस समाज के लिए एक कुंआ खोदा गया लेकिन उसमें पानी नहीं निकला। फिर गांव के स्कूल के सामने एक ट्यूबवेल लगाया गया। इसी ट्यूबवेल से पारधी समाज के लोग पानी भरा करते थे। अब तक तो बात ठीक थी। लेकिन एक दिन पारसंता जब ट्यूबवेल पर पानी भर रही थी तभी ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर राम हारदे स्कूल का मुआयना करने आया। उसने जब पारसंता को पानी भरते देखा तो आगबबूला हो गया। उसने लात-घूंसों से पारसंता की पिटाई कर दी।
जब इस बात की खबर पारसंता के पारधी समाज को मिली तो पंचायत बुलाई गई। पंचायत में बाकायदा इस बात पर लंबी बहस हुई। और फैसला पारसंता के समर्थन में न आकर उसके खिलाफ आया। पंचायत ने कहा कि मारपीट के दौरान ऑफिसर लगातार इससे स्पर्श में आता रहा और पराए मर्द के साथ स्पर्श में आना पारधी समाज में बर्दाश्त के लायक नहीं है। इसलिए उसे समाज से अलग किया जाता है और गांव से निकाला जाता है।
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