कुणबी या कुर्मी लोगों का मुल
डीएनए अभ्यास से ये निष्कर्ष निकलता है की धनगर,ब्राह्मण और कुणबी या कुर्मी या माली लोगों के पुरुष डीएनए लगभग सत्तर प्रतिशत(70%) एक ही लेकिन धनगर आनुवंशिकीता में पश्चिम यूरेशिया के महिलाओं का प्रमाण सबसे अधिक है और कुणबी या कुर्मी लोगों में पुरा-पाषाणयुगीन(palaeolithic) महिलाओं का प्रमाण अधिक हैI इसका मतलब जब धनगर लोग पश्चिम एशिया,इराण और मध्य एशिया से भारत आये तब धनगर पुरुषों का भारत की भिल्ल और नाग महिलाओं के साथ संयोग हो गया और कुणबी या कुर्मी और ब्राह्मण लोगों की निर्मिती हो गई और समय के साथ इन लोगों के डीएनए में से यूरेशियन महिलाओं का प्रमाण कम होता गया और पुरा-पाषाणयुगीन (palaeolithic) महिलाओं का प्रमाण बढ़ता गयाI
डीएनए अभ्यास से ये निष्कर्ष निकलता है की धनगर,ब्राह्मण और कुणबी या कुर्मी या माली लोगों के पुरुष डीएनए लगभग सत्तर प्रतिशत(70%) एक ही लेकिन धनगर आनुवंशिकीता में पश्चिम यूरेशिया के महिलाओं का प्रमाण सबसे अधिक है और कुणबी या कुर्मी लोगों में पुरा-पाषाणयुगीन(palaeolithic) महिलाओं का प्रमाण अधिक हैI इसका मतलब जब धनगर लोग पश्चिम एशिया,इराण और मध्य एशिया से भारत आये तब धनगर पुरुषों का भारत की भिल्ल और नाग महिलाओं के साथ संयोग हो गया और कुणबी या कुर्मी और ब्राह्मण लोगों की निर्मिती हो गई और समय के साथ इन लोगों के डीएनए में से यूरेशियन महिलाओं का प्रमाण कम होता गया और पुरा-पाषाणयुगीन (palaeolithic) महिलाओं का प्रमाण बढ़ता गयाI
धनगर और कुणबी या कुर्मी लोगों के उपनाम(Surname) अलग होने के कारण जब भारत आने के बाद कुणबी या कुर्मी और ब्राह्मण लोग धनगरों से अलग हो गये तब उनके पास धनगरों के उपनाम(Surname) नहीं थेI समय के साथ इन लोगों में उपनाम(Surname) का विकास होता गयाI
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