महाराष्ट्र में उपनाम से जाति चिह्नित करना कठिन कार्य है। गायकवाड़ महार भी हैं और मराठा भी, ऐसे ही अन्य और भी कई उपनाम हैं जो समान रूप से विविध जातियों, वर्णों में व्यवहृत होते हैं। जैसे हम ख्यातिलब्ध लक्ष्मण गायकवाड़ को ही लें तो वह अनुसूचित जाति से नहीं अनुसूचित जनजाति से हैं, रणदिवे मराठा हैं तो अनुसूचित जाति में भी हैं। ऐसे ही वानखेड़े, देशमुख जाने कितने ही उपनाम हैं जिनको जातिवार अलगाया नहीं जा सकता।
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