जितनी सच्चाई ब्राह्मणों के गलत होने बाबत हैं उतनीही सच्चाई बहुजनों के भी गलत होने में हैं. पुरातन समय से धर्मसत्ता और राजसत्ता हमेशा साथ साथ चलती देखी गई हैं. अगर ब्राह्मणोंने अपने हीत में कोई भी धर्म-नियम बनाया होता था तो उसे वास्तव में अमल में लाना राजाओं के बगैर असंभव था.
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