Sunday, 22 February 2015

न्यूटन से पहले ही भारत को पता था, आखिर क्या है "Gravity"





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इसरो के पूर्व प्रमुख ने पशि्चमी देशों को बताया भारत से कहीं पीछे, कहा- न्यूटन से पहले 1500 साल पहले जानते थे ग्रेविटी , ज्यॉमट्री का इस्तेमाल हड़प्पा में
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देश के जाने माने वैज्ञानिक और इसरो के पूर्व चेयरमैन जी माधवन नायर ने शनिवार को कहा है कि भारत को न्यूटन से पहले ही ग्रेविटी के बारे में पता था। उन्होंने कहा कि वेद के कुछ श्लोकों में चंद्रमा पर जल की मौजूदगी का जिक्र किया गया है। साथ ही उनका कहना है कि खगोल विज्ञान विशेषज्ञ आर्यट्ट आईजैक न्यूटन से कहीं पहले ग्रेवटी के बारे में जानते थे।
हमारे शास्त्रों में मौजूद
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71 वर्षीय पद्म विभूषण पुरूस्कार से सम्मानित नायर ने कहा कि भारतीय वेद और प्राचीन शास्त्रों को मेटलर्जी, एलजेबरा, एस्ट्रोनॉमी, गणिथ, आर्कीटेक्ट और एस्ट्रोलॉजी की जानकारी पश्चिमी देशों से पहले से है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान के लिए भी आर्यभट्ट की इक्वेशन का इस्तेमाल किया गया था। न्यूटन ने करीब 1500 साल पहले ग्रेविटेशन फील्ड की खोज की थी, जोकि हमारे शास्त्रों में मौजूद है।
2003 से 2009 तक इसरो के चेयरमैन रहे माधवन नायर ने कहा कि ज्यॉमट्री का इस्तेमाल हड़प्पा संस्कृति में भवनों के निर्माण के लिए किया जाता था। यहां तक कि पाइथागोरस प्रमेय का ज्ञान भी वैदिक काल से ही था।

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