Sunday 18 January 2015

मनुष्य उत्क्रांतिवादाचा भारतीय सिद्धांत




८४ लक्ष योनींच्या प्रवासानंतर माणसाचा जन्म मिळतो असे ऐकले होते/८४ लाख प्रकार के जीवों की योनि में जन्म भोगने के पश्चात मनुष्य जीवन मिलता हैI

आदमी,(आदम/एडम), (मनु/मनुष्यऔर मैन(Man)

हिंदी शब्द आदिम मानव(आदिमानवका मतलब है अतिप्राचीन मानवविश्व में पहला सुसंस्कृत मानव मनु थामनु आदिम मानव का वंशज थाइंग्लिश मैन(Man) शब्द जर्मन मनुस शब्द से आया है जिसका मूल संस्कृत मनु शब्द हैमनुष्य मनु के वंशज हैI
हिन्दूमुस्लिम और ईसाई(क्रिस्चनमनुआदम/एडम की उत्त्पति भगवानब्रह्मा की शरीर से मानते हैब्रह्माजी कि उत्त्पति भगवान विष्णु की शरीर से हो गईइसके बारे लोगों में विरोधा भास है क्योंकि ये मनुष्य विकास (Modern theory of evolution) से मेल नहीं खाता हैविज्ञानिकों ने इसे गलत तरीके से समझा हैये विज्ञानिकों की समझ के बाहर हैI
ये ध्यान मे रखना जरूरी है कि भगवान विष्णु की एक सांस में से करोड़ों ब्रह्माण्ड बाहर आते हैI
इसी कारण भगवान विष्णु को ब्रह्माण्ड का स्वामी कहते हैअपनी पृथ्वी तो इस विशाल ब्रह्माण्ड का एक छोटासा हिस्सा हैI
ब्रह्माण्ड का मतलब है अंडे जैसा आकारवास्तव में ब्रह्माण्ड अंडे जैसा ही हैमनु जी का विकास पृथ्वी पर प्राणियों से हो गया या ब्रह्मा जी की शरीर मे प्राणियों का विकास हो गया दोनो का मतलब एक ही हैऔर जो लोग पाचसो साल पहले कहते थे कि पृथ्वी सपाट है वो लोग हमसे महान??


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