नरम सिन अक्कड़ वंश(अगाडे/अगयोदया) के चक्रवर्ती राजा थे। वह अक्कड़ वंश के प्रथम राजा "सार्गोंन दि ग्रेट" के पोते थे। उरुक शहर की प्रसिद्द "उच्च-पुरोहिता" "इन-हेदु-अन्ना" उनकी बुवा(मराठी:अत्या,इंग्लिश: आंट) थी।
उनके पिता का नाम "मनिष-तुसु" था। राजा शुल्गी के प्रसिद्द पुत्र "अमर-सीन" भी उरुक के राजा थे लेकिन वो अलग वंश के थे।
उनके शिलालेख में उनके एक हाथ में धनुष्य और दूसरे हाथ में परशू दिखाया हैं।
सिन नाम की प्राचीन मेसोपोटेमिया की चंद्रदेवता थी। नरम- सिन बहुत पराक्रमी राजा थे। उन्होंने अपने साम्रज्य का विस्तार अर्मेनिया और भूमध्य-सागर की सीमा तक कियाँ था। उन्होंने ब्रह्माण्ड का राजा यह उपाधि धारण की थी। मेसोपोटेमियाँ के सभी लोक उनको चंद्र-भगवान मानते थे और उनकी स्मृति मेसोपोटेमियाँ के लोगों के मन में अगले हजार साल तक रही थी।
उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र की सभी घुमंतू जातियों को अपने साम्राज्य की सीमाओं के बाहर बहुत दूर खदेड़ दियां था। इसी कारण मेसोपोटेमियाँ में अगले १५०० साल तक शांति और स्थिरता कायम रही थी।
इसके १५०० साल बाद राजकुमारी मंदाने के पुत्र "सायरस दि ग्रेट" ने विश्व में पहली बार पूर्व में सिंध पश्चिम में ग्रीक की सीमाओं तक विशाल साम्राज्य का निर्माण कियाँ था।
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